सिमडेगा: बुंदेलखंड की गोंडवाना साम्राज्य की महारानी दुर्गावती की 460 वीं बलिदान दिवस के मौके पर बजरंग दल सिमडेगा के द्वारा सोमवार को अल्बर्ट एक्का स्टेडियम के पास बने महारानी दुर्गावती के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मौके पर जिला विश्व हिंदू परिषद मंत्री कृष्णा शर्मा ने कहा कि इतिहास गवाह है की महारानी दुर्गावती 52 में से 51 युद्धों में रानी दुर्गावती अपराजेय रहीं। वह युद्ध के नौ पारंपरिक व्यूहों जैसे वज्र व्यूह, क्रौंच व्यूह, अर्धचंद्र व्यूह, मंडल व्यूह, चक्रशकट व्यूह, मगर व्यूह, औरमी व्यूह, गरुड़ व्यूह और श्रींगातका व्यूह से भली-भांति परिचित थीं. खासकर, क्रौंच व्यूह और अर्द्धचंद्र व्यूह में उनकी महारत थी।अकबर के जुल्म के आगे झुकने से इनकार करते हुए रानी दुर्गावती ने 24 जून, 1564 को मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए खुद ही अपनी तलवार सीने में घुसा ली और शहीद हो गई। 24 जून यानी उनके शहादत के दिन को ‘बलिदान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।देश की महानतम वीरांगनाओं में रानी दुर्गावती का नाम सबसे पहले याद किया जाता है। इन्होंने मातृभूमि और अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। कालिंजर के राजा कीरत सिंह की पुत्री और गोंड राजा दलपत शाह की पत्नी रानी दुर्गावती का नाम इतिहास के पन्नों में महानतम वीरांगनाओं की अग्रिम पंक्ति में दर्ज किया जाता है।मौके पर बजरंग दल जिला संयोजक आनंद जयसवाल, नगर संयोजक मानस प्रसाद सहसंयोजक अंकित केसरी, गौ रक्षा प्रमुख सुमित गुप्ता, सदस्य सूरज मिश्रा सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
महारानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के मौके पर बजरंग दल सिमडेगा ने किया श्रद्धांजलि अर्पित
